अमृत पुष्प amritpushp
Wednesday 31 October 2012
ज्ञानं प्रधानं न तु कर्महीनं कर्म प्रधानं न तु बुद्धिहीनम्
(भागवत 4/24/75)
ज्ञान प्रधान है परंतु कर्महीन नहीं और कर्म भी प्रधान है
परंतु बुद्धिहीन नहीं!
No comments:
Post a Comment
Newer Post
Home
Subscribe to:
Post Comments (Atom)
No comments:
Post a Comment